प्रेमानंद के विवादित बयान पर नेहा सिंह राठौर का पलटवार: “100 में से कितने बाबाजी पवित्र हैं

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके ऐतिहासिक पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि “फोन कॉल से युद्ध रुकवाने वाले अपने देश में आतंकवादी हमला क्यों नहीं रोक पाए?” इस बयान से शुरू हुआ विवाद जल्द ही कानूनी मोड़ पर पहुंच गया, जब लखनऊ के हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कर दी गई।

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विवाद कैसे शुरु हुआ?

नेहा सिंह राठौर ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और पीएम मोदी से तीखे सवाल किए। उसने वीडियो में बीजेपी सरकार पर करारा कटाक्ष करते हुए पूछा कि जब वह विदेश में युद्ध रोक सकती है तो अपने देश को आतंकवाद से क्यों बचा नहीं पाया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तुरंत वायरल हो गया और पाकिस्तान समर्थित मीडिया में भी व्यापक रूप से शेयर किया जाने लगा।

दर्ज किए गए कानूनी आरोप

उनके खिलाफ 11 धाराओं में FIR दर्ज की गई, जिनमें भारतीय दंड संहिता की धाराएं (196(1)(a–b), 197(1)(a–d), 353(1)(c), 353(2), 302, 152) और आईटी अधिनियम की धारा 69A शामिल हैं। आरोप है कि उनकी पोस्ट सोशल समरसता को बिगाड़ने वाली, देश की अखंडता को खतरे में डालने वाली और भ्रामक अफवाह फैलाने वाली थी। शिकायत एक कवि ने दर्ज की, जिसमें कहा गया कि उनके बयान से दो समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ सकता है और पाकिस्तान समर्थक मीडिया द्वारा उनका अपमान किया जा रहा है।

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नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया

FIR दर्ज होने के बाद नेहा ने सोशल मीडिया पर लिखा:

“प्रधानमंत्री से सवाल पूछना अब देशद्रोह हो गया है? मेरे परिवार में बहुत लोग सेना में हैं, फिर भी मुझे आईटी सेल देशद्रोही कह रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की इस विशालता में एक मामूली लड़की सवाल नहीं पूछ सकती, फिर भी उठाती है — और इसके लिए FIR मिलनी चाहिए।

आगे की कानूनी प्रक्रिया

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। जांच में यह पाया जा रहा है कि क्या नेहा की पोस्ट किसी बाहरी कम्पन या साजिश का हिस्सा थे। आरोप सिद्ध होने पर उनपर UAPA, NSA जैसी गंभीर कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की भी संभावना हो सकती है। कुछ धाराएं गैर-जमानती हैं, जिससे उन्हें गिरफ्तारी का जोखिम बना हुआ है।

समाज में बहस की मुख्य बिंदु

यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन की बहस को फिर से उभारा है। जहां एक ओर उनके समर्थक इस फैसले को लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला मानते हैं, वहीं विपक्षी वर्ग इसे देशविरोधी और असंवेदनशील टिप्पणी बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। सोशल मीडिया पर #SupportNehaSinghRathore और #ArrestNehaSinghRathore जैसे हैशटैग्स वायरल हैं।

मैं दीपक चौहान हूँ, और मुझे लिखना बेहद पसंद है—खासतौर पर ऐसी बातें जो लोगों के रोज़मर्रा के काम आएं। चाहे टेक्नोलॉजी हो, ऑटो की दुनिया, मनोरंजन या फिर आसान ज़िंदगी जीने के टिप्स—मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि हर लेख दिल से और सच्ची बातों के साथ आप तक पहुँचे। मेरा मानना है कि अगर एक लेख पढ़कर किसी को थोड़ी भी मदद मिले, तो लिखना सफल हो गया।

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