धोनी का रिकॉर्ड भी नहीं बचा पंत के सामने, दर्द में खेले और बना डाला इतिहास!

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत हमेशा से अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी और जोश के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने जो कर दिखाया, वह सिर्फ क्रिकेट नहीं था, बल्कि कुछ और ही था और मैदान में बहुत कम देखने को मिलता है ,ऐसा जज़्बा जो हर क्रिकेट प्रेमी को प्रेरित कर जाए। जब शरीर साथ छोड़ दे, तब आत्मविश्वास और समर्पण ही खिलाड़ी की असली ताकत बनते हैं। यही बात ऋषभ पंत ने साबित की।

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Rishabh Pant world record
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मैदान में उतरे तो पैर में दर्द था, लेकिन मन में जीत का जुनून

टेस्ट मैच के दौरान जब पंत को चोट लगी तो दर्शकों की धड़कनें थम गईं। पैर में गहरी चोट के बाद लगा कि शायद उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ेगा। लेकिन उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा। जब टीम मुश्किल में थी, तब उन्होंने खुद को पीछे नहीं किया। वो डटे रहे, खड़े रहे, लड़े… और बल्ला चलाया।

उनके हर शॉट में दर्द था, लेकिन हिम्मत उससे कहीं ज़्यादा बड़ी थी।

ऐसा करिश्मा जो अब तक कोई भारतीय विकेटकीपर नहीं कर पाया

इस मैच में पंत ने न केवल अर्धशतक जड़ा, बल्कि उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड भी तोड़ा जो अब तक महेंद्र सिंह धोनी जैसे महान खिलाड़ी के नाम था। यह रिकॉर्ड था विदेशी ज़मीन पर सबसे ज़्यादा अर्धशतक लगाने का। धोनी को पीछे छोड़कर ऋषभ पंत ने यह उपलब्धि हासिल की और वो भी उस हालात में जब उनका चलना भी मुश्किल था। वो ऐसे खिलाडी बन गए है जिन्होंने विकेट कीपर होते हुए 50 रन के स्कोर बनाया ।

विकेट के पीछे भी दिखाया कमाल

पंत की सिर्फ बल्लेबाज़ी ही नहीं, बल्कि विकेट के पीछे भी उनकी चपलता और सटीकता ने सभी को हैरान किया। चोट के बावजूद उन्होंने स्टंपिंग और कैचों में कोई कमी नहीं छोड़ी। जब टीम को जरूरत थी, तब वो हर मौके पर सामने खड़े मिले।

युवाओं के लिए हैं मिसाल

आज जब कई खिलाड़ी छोटे-मोटे झटकों के बाद मैदान छोड़ देते हैं, ऋषभ पंत का यह जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है। उनका खेल हमें यह सिखाता है कि सिर्फ ताकत नहीं, दिल और हौसला भी उतना ही ज़रूरी होता है।

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सोशल मीडिया पर भी हो रही है तारीफ

मैच के बाद से ही सोशल मीडिया पर पंत के लिए तारीफों की बाढ़ आ गई है। फैन्स, पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट एक्सपर्ट्स सभी उनकी इस हिम्मत और प्रदर्शन को सलाम कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं – “ये खिलाड़ी सिर्फ बल्लेबाज़ी नहीं करता, ये दिल जीत लेता है।”

मैं दीपक चौहान हूँ, और मुझे लिखना बेहद पसंद है—खासतौर पर ऐसी बातें जो लोगों के रोज़मर्रा के काम आएं। चाहे टेक्नोलॉजी हो, ऑटो की दुनिया, मनोरंजन या फिर आसान ज़िंदगी जीने के टिप्स—मैं हमेशा कोशिश करता हूँ कि हर लेख दिल से और सच्ची बातों के साथ आप तक पहुँचे। मेरा मानना है कि अगर एक लेख पढ़कर किसी को थोड़ी भी मदद मिले, तो लिखना सफल हो गया।

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