हर साल की तरह इस बार भी आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख नज़दीक आ रही है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका रिफंड जल्दी मिले, तो सिर्फ समय पर ITR भरना काफी नहीं है। कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपना रिफंड जल्दी और बिना परेशानी के पा सकते हैं।

समय पर फाइल करें आयकर रिटर्न
अक्सर लोग आखिरी तारीख का इंतजार करते हैं और फिर अंतिम दिनों में जल्दबाज़ी में रिटर्न फाइल करते हैं। इससे गलती की संभावना बढ़ जाती है और प्रोसेसिंग में भी देर होती है। अगर आप चाहते हैं कि रिफंड जल्दी आए, तो रिटर्न समय से पहले ही फाइल कर दें।
सही जानकारी देना है सबसे ज़रूरी
ITR फॉर्म में अगर कोई जानकारी गलत भर दी जाए, जैसे बैंक खाता नंबर, आय का विवरण या पैन कार्ड से जुड़ी जानकारी, तो रिफंड अटक सकता है या पूरी प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है। हमेशा वही जानकारी भरें जो आपके दस्तावेजों से मेल खाती हो।
सही खाता नंबर और आईएफएससी कोड दर्ज करें
टैक्स रिफंड सीधे आपके बैंक खाते में आता है। अगर आपने खाता संख्या या बैंक की शाखा का कोड गलत लिखा है तो रिफंड फेल हो सकता है या वापस भेज दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करें कि आपने वही खाता चुना है जो आयकर विभाग के साथ पहले से लिंक हो और सक्रिय हो।
फॉर्म 26एएस और एआईएस रिपोर्ट मिलाएं
रिटर्न भरने से पहले फॉर्म 26एएस और एआईएस रिपोर्ट से अपनी आय और टीडीएस का मिलान जरूर करें। अगर कोई अंतर है तो पहले उसे ठीक करवाएं। गलत आंकड़े भरने से रिटर्न अटक सकता है और विभाग से सफाई मांगनी पड़ सकती है।
रिटर्न वेरिफाई करना न भूलें
रिटर्न फाइल करने के बाद उसे सत्यापित करना भी अनिवार्य होता है। जब तक आप ई-वेरीफाई नहीं करते, रिटर्न प्रोसेस नहीं होता और रिफंड की प्रक्रिया भी शुरू नहीं होती। आप इसे आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या डाक द्वारा भेजे गए हस्ताक्षरित पत्र के ज़रिए पूरा कर सकते हैं।
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फाइलिंग के बाद नियमित जांच करें
रिटर्न फाइल हो जाने के बाद आयकर विभाग की वेबसाइट पर समय-समय पर लॉगिन करके यह देखें कि आपकी फाइलिंग किस स्थिति में है। अगर कोई त्रुटि हो तो तुरंत सुधार करें ताकि प्रक्रिया में देरी न हो।
अगर आप ये सभी सुझाव अपनाते हैं तो आपका रिफंड जल्दी और बिना किसी झंझट के आपके खाते में आ सकता है। रिटर्न भरने को बोझ न समझें, यह आपके ही पैसों की वापसी की प्रक्रिया है।