उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई उड़ान देने जा रही है। इस बार चर्चा में है चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, जिसे बनाने के लिए ₹940 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि को मंजूरी दी गई है। सरकार की तरफ से कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी है और अब इस शानदार प्रोजेक्ट की शुरुआत जल्द होने जा रही है।
इस हाईवे के बन जाने के बाद दो बड़े शहरों में आने जाने में बहुत ज्यादा आसानी हो जाएँगी क्योकि चित्रकूट और बुदेलखंड पर जाने में बहुत टाइम लगता है।

कहां बन रहा है यह एक्सप्रेसवे?
यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में बनना है, जिसका मुख्य उद्देश्य है – बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सीधे नेशनल हाईवे-35 से जोड़ना। इस लिंक के बनने से न सिर्फ यात्रा में सहूलियत होगी, बल्कि चित्रकूट, बांदा, महोबा, और आसपास के इलाकों के लोगों को बेहतरीन कनेक्टिविटी मिलेगी।
कुल लागत और परियोजना की लंबाई
इस पूरे प्रोजेक्ट पर अनुमानित खर्च है ₹940 करोड़ रुपये, जिसमें भूमि अधिग्रहण से लेकर सड़क निर्माण तक सभी खर्चे शामिल हैं। एक्सप्रेसवे की लंबाई होगी लगभग 15 किलोमीटर, लेकिन इसका महत्व पूरे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा है।
सरकार का दावा है कि यह लिंक रोड फोर लेन होगी, जिससे भारी वाहनों के आवागमन में भी कोई परेशानी नहीं आएगी।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे क्यों है जरूरी?
चित्रकूट धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के लिहाज से एक अहम ज़िला है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए आज भी लोगों को जटिल रास्तों और घंटों की यात्रा का सामना करना पड़ता है।
यह एक्सप्रेसवे आने वाले समय में इस परेशानी को खत्म कर देगा, क्योंकि यह न केवल बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे से जोड़ेगा, बल्कि आगे चलकर ये चित्रकूट को लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से सीधा जोड़ेगा।
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किसे होगा सबसे ज़्यादा फायदा?
- स्थानीय लोग: उन्हें अब लंबी दूरी तय करने में समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
- व्यापारी वर्ग: कृषि और स्थानीय उत्पादों को प्रदेश के अन्य हिस्सों में भेजना आसान होगा।
- पर्यटक: चित्रकूट के धार्मिक स्थलों तक अब बिना किसी बाधा के पहुंचा जा सकेगा।
- युवा और छात्र: पढ़ाई और नौकरी के लिए बाहर आने-जाने में सहूलियत मिलेगी।
प्रोजेक्ट का टाइमलाइन
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) इस प्रोजेक्ट को हैंडल कर रही है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू कर दी गई है। सरकार की कोशिश है कि निर्माण कार्य 2025 के शुरुआती महीनों में शुरू हो जाए और अगले 2 वर्षों में इसे पूरा कर लिया जाए।
आधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपाय
इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से आधुनिक तकनीकों के साथ तैयार किया जाएगा। CCTV कैमरे, टोल प्लाजा, स्मार्ट लाइटिंग और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम भी इसमें शामिल होंगे, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिले।